
Maa kali chalisa- परिचय
माँ काली चालीसा हिंदू धर्म में दैवीय शक्ति, सुरक्षा और परिवर्तन की अवतार देवी काली को समर्पित एक गहन और श्रद्धापूर्वक समर्पित भक्ति रचना है। 40 भावपूर्ण छंदों से युक्त, यह पवित्र भजन देवी काली के विभिन्न गुणों, गुणों और अभिव्यक्तियों का गुणगान करता है।
देवी काली, जिन्हें अक्सर भयावह चेहरे के साथ चित्रित किया जाता है, बुराई के विनाश और धार्मिकता की विजय का प्रतीक हैं। चालीसा एक आध्यात्मिक प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करती है, जो भक्तों को साहस, लचीलापन और आंतरिक और बाहरी बाधाओं के उन्मूलन की दिशा में मार्गदर्शन करती है।
माँ काली चालीसा का पाठ करना भक्तों के बीच एक आम प्रथा है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे देवी की दयालु उपस्थिति का आह्वान किया जाता है। प्रत्येक कविता उनकी शक्तिशाली ऊर्जा और अटूट करुणा की प्रशंसा से गूंजती है।
चालीसा न केवल सुरक्षा और आशीर्वाद चाहती है, बल्कि सशक्त और पोषण करने वाली दिव्य स्त्री शक्ति के साथ भक्त के संबंध को भी गहरा करती है। संक्षेप में, माँ काली चालीसा देवी काली की सर्वोच्च कृपा का सार प्रस्तुत करती है, जो सांत्वना, मार्गदर्शन और अटूट दृढ़ संकल्प और विश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों से निपटने की शक्ति प्रदान करती है।
क्या मां काली चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है?
हाँ, मां काली चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है। मां काली चालीसा प्रमुखतः संस्कृत भाषा में प्रस्तुत की जाती है, जो कि संस्कृत-हिन्दी के समरूप संरक्षित होता है। हिन्दी-मराठी-गुजराती-बंगला-तेलुगु-तमिल-मलयालम-कन्नड़-पंजाबी-कश्मीरी, आदि, 22 से 25 से 30 से 40+ से 100+ से 1000+ प्रक्रिया/प्रक्रियों/प्रक्रियों/प्रक्रियों को परिपूर्ण/परिपूर्ण/परिपूर्ण/परिपूर्ण/परिपूर्ण/परिपूर्ण/परिपूर्ण रूप से प्रदान करती हैं।
मां काली चालीसा के हिंदी भाषा में प्रस्तुत रूपों में, यह सबसे आसानी से समझने और पढ़ने के लिए होता है। हिन्दी में मां काली चालीसा पढ़ने से, माता काली की कृपा प्राप्ति, सुक्ष्मता, समस्या-हल, संकेतों की पहचान, और मनोकामना प्राप्ति के लिए सहायक होता है।
हिन्दी में मुक्ति:
मुक्ति (liberation) हमेशा से ही मनुष्यों का प्रमुख ध्येय रहा है। माँ कल्ली 40+1 = 41 वर्ष पूजा की जाती हैं। मां काली चालीसा के पठन से व्यक्ति मुक्ति के प्रतीकों, महत्वपूर्ण संकेतों, मुक्ति के लिए सुझावों, और मुक्ति की प्राप्ति के उपायों का ज्ञान प्राप्त कर सकता है।
मुक्ति प्रदर्शन:
- मुक्ति (liberation) हमेशा से ही मनुष्यों का प्रमुख ध्येय रहा है
- माँ कल्ली 40+1 = 41 वर्ष पूजा की जाती हैं
- मां काली चालीसा के पठन से व्यक्ति मुक्ति के प्रतीकों, महत्वपूर्ण संकेतों, मुक्ति के लिए सुझावों, और मुक्ति की प्राप्ति के उपायों का ज्ञान प्राप्त कर सकता है
हिन्दी में शक्ति प्रदर्शन:
मां काली चालीसा हिन्दी में पढ़ने से, व्यक्ति में शक्ति का प्रदर्शन होता है। माँ कल्ली 40+1 = 41 वर्ष पूजा की जाती हैं। मां काली चालीसा के पठन से, व्यक्ति में महत्वपूर्ण संकेतों, सुख-शान्ति, समस्त सुख-समृद्धि, और अपने अंत:करण (inner self) में समन्न (realize) होने की क्षमता (ability) प्राप्त होती है।
महत्वपूर्ण संकेतों के संग्रह:
- मां कल्ली 40+1 = 41 वर्ष पूजा की जाती हैं
- मां काली चालीसा के पठन से, व्यक्ति में महत्वपूर्ण संकेतों, सुख-शान्ति, समस्त सुख-समृद्धि, और अपने अंत:करण (inner self) में समन्न (realize) होने की क्षमता (ability) प्राप्त होती है
मां काली चालीसा को हिंदी में पढ़ने से क्या फायदे हो सकते हैं?
मां काली चालीसा को हिंदी में पढ़ने से हमें कई फायदे हो सकते हैं। पहले, जब हम मां काली की चालीसा को हिंदी में पढ़ते हैं, तो हमें उनका संपूर्ण महत्व और महिमा समझने में सहायता मिलती है। इसके अलावा, हिन्दी में प्रार्थना करने से हमें भक्ति और आस्था का अनुभव होता है, जिससे हमारा मन प्रसन्नता से भर जाता है।
हिन्दी में माँ काली की चालीसा पढ़ने से, हमें उनके दिव्य संकेतों का ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे हमें सच्ची मुक्ति, शांति, और सफलता की प्राप्ति में सहायता मिलती है। इसके साथ ही, हमें अपने मन को शुद्ध करने का अवसर मिलता है, जो हमें सकारात्मकता, संतुलन, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है।
हिन्दी में माँ काली चालीसा पढ़ने के फायदे:
- महिमा को समझने का अवसर
- भक्ति और आस्था का प्रकट होना
- संपूर्ण मुक्ति, शक्ति, और प्रसन्नता
- मन को शुद्ध करने का अवसर
- सकारात्मकता, संतुलन, और समृद्धि
हिन्दी में माँ काली चालीसा पढ़ने के फायदों का विस्तार:
मां काली चालीसा को हिंदी में पढ़ने से हमें महिमा को समझने का अवसर मिलता है। हम प्रतिपक्षी भक्ति, प्रेम, और समर्पण के साथ माँ काली को प्रसन्न करते हैं। हमें उनके शक्तिशाली संकेतों, मुक्ति प्रदर्शन, और संपूर्णता के प्रतीकों को समझने में सहायता मिलती है।
हिन्दी में माँ काली चालीसा पढ़ने से हमें भक्ति और आस्था का प्रकट होने का अनुभव होता है। हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और हमें सच्ची प्रसन्नता मिलती है।
हिन्दी में माँ काली चालीसा के पठन से प्राप्त ज्ञान:
- महिमा, महत्व, और महिमा के संबंध में ज्ञान
- मुक्ति, शक्ति, और संपूर्णता के प्रतीकों के संबंध में ज्ञान
- सकारात्मकता, संतुलन, और समृद्धि के संबंध में ज्ञान
- मन को शुद्ध करने के उपायों के संबंध में ज्ञान
- महिमा, प्रेम, और समर्पण के संबंध में ज्ञान
मां काली चालीसा किस प्रकार समर्थन करती है?
धार्मिक महत्व
मां काली चालीसा हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्तोत्र है, जो मां काली के गुणों, महिमा और प्रभुत्व का वर्णन करता है। यह संकलन प्रशंसा-प्रार्थना-आराधना के रूप में मां काली के प्रति श्रद्धा और समर्पण को प्रकट करता है। मां काली चालीसा से पुरुषों, स्त्रियों, बच्चों, वृद्धों, समस्त समुदायों और समस्त समस्याओं के समर्थन, सुरक्षा, मुक्ति, प्रेम, शक्ति, स्थायित्व और सुख की प्राप्ति की कामना की जाती है।
प्रभाव
मां काली चालीसा पढ़ने से मनुष्य को शक्ति, संतुलन, समर्पण, धैर्य, उत्साह, संकल्प, आत्म-विश्वास और मोक्ष के प्रति अपने महत्त्व का अनुभव होता है। मां काली चालीसा प्रेम, समर्पण, सेवा, महिमा-स्तुति, प्रेम-प्रसंगों, महिमा-मंत्रों और प्रेम-कहानियों के माध्यम से मनुष्य को मुक्ति प्रदान करती है।
मां काली चालीसा के प्रमुख संस्करणों में हिन्दी भाषा में सबसे प्रमुखता कहाँ होती है?
प्रमुख संस्करण
मां काली चालीसा के प्रमुख संस्करणों में हिन्दी भाषा में “काली चालीसा” सबसे प्रमुखता कहलाती है। इस संस्करण में मां काली के गुणों, महिमा, प्रेम-कहानियों, आरती-प्रार्थना-प्रशंसा, और मन्त्रों का वर्णन है। “काली चालीसा” के पठन से मनुष्य को मां काली के प्रति अपने समर्पित भाव, प्रेम, सेवा, और समर्पण को प्रकट करने में सहायता मिलती है।
महत्वपूर्ण संकेतों के संग्रह, मुक्ति, और शक्ति प्रदर्शन पर मां काली चालीसा हिन्दी में कैसे प्रभावित होती है?
संकेतों का संग्रह
मां काली चालीसा हिन्दी में महत्वपूर्ण संकेतों के संग्रह को प्रस्तुत करती है। इसमें मां काली के अलग-अलग प्रत्येक संकेत (symbol) का वर्णन है, जो समर्थन, मुक्ति, और शक्ति प्रदर्शन में महत्वपूर्ण होते हैं।
1. खप्पर
मां काली चालीसा में “खप्पर” (skull) संकेत मुक्ति, पुन:जन्म, और समस्त भयों का नाश करने की प्रतीक है।
2. खड़्ग
मां काली चालीसा में “खड़्ग” (sword) संकेत संकटों, शत्रु-नाश, और समस्त बुराइयों के प्रति मां काली की सुरक्षा-प्रदान को प्रतिष्ठित करता है।
3. विजय-प्रतीक
मां काली चालीसा में “विजय-प्रतीक” (victory symbol) संकेत महिमा, समर्पण, और प्रेम में मनुष्य को सहायता प्रदान करने के लिए होता है।
Maa Kali Chalisa
॥ चौपाई ॥
अरि मद मान मिटावन हारी ।
मुण्डमाल गल सोहत प्यारी ॥
अष्टभुजी सुखदायक माता ।
दुष्टदलन जग में विख्याता ॥
भाल विशाल मुकुट छवि छाजै ।
कर में शीश शत्रु का साजै ॥
दूजे हाथ लिए मधु प्याला ।
हाथ तीसरे सोहत भाला ॥4॥
चौथे खप्पर खड्ग कर पांचे ।
छठे त्रिशूल शत्रु बल जांचे ॥
सप्तम करदमकत असि प्यारी ।
शोभा अद्भुत मात तुम्हारी ॥
अष्टम कर भक्तन वर दाता ।
जग मनहरण रूप ये माता ॥
भक्तन में अनुरक्त भवानी ।
निशदिन रटें ॠषी-मुनि ज्ञानी ॥8॥
महशक्ति अति प्रबल पुनीता ।
तू ही काली तू ही सीता ॥
पतित तारिणी हे जग पालक ।
कल्याणी पापी कुल घालक ॥
शेष सुरेश न पावत पारा ।
गौरी रूप धर्यो इक बारा ॥
तुम समान दाता नहिं दूजा ।
विधिवत करें भक्तजन पूजा ॥12॥
रूप भयंकर जब तुम धारा ।
दुष्टदलन कीन्हेहु संहारा ॥
नाम अनेकन मात तुम्हारे ।
भक्तजनों के संकट टारे ॥
कलि के कष्ट कलेशन हरनी ।
भव भय मोचन मंगल करनी ॥
महिमा अगम वेद यश गावैं ।
नारद शारद पार न पावैं ॥16॥
भू पर भार बढ्यौ जब भारी ।
तब तब तुम प्रकटीं महतारी ॥
आदि अनादि अभय वरदाता ।
विश्वविदित भव संकट त्राता ॥
कुसमय नाम तुम्हारौ लीन्हा ।
उसको सदा अभय वर दीन्हा ॥
ध्यान धरें श्रुति शेष सुरेशा ।
काल रूप लखि तुमरो भेषा ॥20॥
कलुआ भैंरों संग तुम्हारे ।
अरि हित रूप भयानक धारे ॥
सेवक लांगुर रहत अगारी ।
चौसठ जोगन आज्ञाकारी ॥
त्रेता में रघुवर हित आई ।
दशकंधर की सैन नसाई ॥
खेला रण का खेल निराला ।
भरा मांस-मज्जा से प्याला ॥24॥
रौद्र रूप लखि दानव भागे ।
कियौ गवन भवन निज त्यागे ॥
तब ऐसौ तामस चढ़ आयो ।
स्वजन विजन को भेद भुलायो ॥
ये बालक लखि शंकर आए ।
राह रोक चरनन में धाए ॥
तब मुख जीभ निकर जो आई ।
यही रूप प्रचलित है माई ॥28॥
बाढ्यो महिषासुर मद भारी ।
पीड़ित किए सकल नर-नारी ॥
करूण पुकार सुनी भक्तन की ।
पीर मिटावन हित जन-जन की ॥15॥
तब प्रगटी निज सैन समेता ।
नाम पड़ा मां महिष विजेता ॥
शुंभ निशुंभ हने छन माहीं ।
तुम सम जग दूसर कोउ नाहीं ॥32॥
मान मथनहारी खल दल के ।
सदा सहायक भक्त विकल के ॥
दीन विहीन करैं नित सेवा ।
पावैं मनवांछित फल मेवा ॥17॥
संकट में जो सुमिरन करहीं ।
उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं ।
भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥36॥
काली चालीसा जो पढ़हीं ।
स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा ।
केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥
करहु मातु भक्तन रखवाली ।
जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी ।
भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥40॥
॥दोहा॥
प्रेम सहित जो करे,
काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना,
होय सकल जग ठाठ ॥
मां काली चालीसा को हिंदी में पढ़कर उसके संबंध में क्या ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है?
ज्ञान की प्राप्ति
मां काली चालीसा को हिंदी में पढ़कर मनुष्य को विभिन्न ज्ञान प्राप्त हो सकता है। इससे मनुष्य को मां काली के गुण, महिमा, प्रेम-कहानियाँ, संकेत, मंत्र, और प्रेम-प्रसंगों के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है।
1. महिमा
मां काली चालीसा पठने से मनुष्य को महिमा (glory) के बारे में ज्ञान प्रप्त होता है।
2. प्रेम-कहानियों
मां काली चालीसा से मनुष्य को प्रेम-कहानियों (love stories) के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है, जो मनुष्य को प्रेम, समर्पण, सेवा, और समर्थन की महिमा का अनुभव कराती हैं।
3. मंत्र
मां काली चालीसा पठने से मनुष्य को मंत्र (mantras) के बारे में ज्ञान प्रप्त होता है, जो समस्त संकटों, भयों, और समस्त प्रकार की समस्याओं का निवारण करने में सहायक होते हैं।
संक्षेप में कहें तो, ‘माँ काली चालीसा’ हिन्दी भाषा में है|
मां काली का मंत्र क्या है?
भद्रकाली मंत्र- ‘ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा’ के जाप से व्यक्ति को अष्ट सिद्धियों का स्वामी बनाने के साथ ही, व्यक्ति पर मां काली की कृपा बनी रहती है और उनके साथ-साथ मां लक्ष्मी (लक्ष्मी पूजा के नियम) की भी कृपा बनी रहती है।
काली माता का जाप कैसे करते हैं?
महाकाली मंत्र के जाप के लाभ: महा काली मंत्र के जाप से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं। सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम होता है। जाप की संख्या 40 दिनों तक हर रोज 108 बार की जानी चाहिए। किसी भी व्यक्ति को इस मंत्र का जाप करने की अनुमति है, वह किसी भी दिशा की ओर मुँह करके जाप कर सकता है।
काली माता का पुत्र कौन है?
मां काली देवी पार्वती का एक रूप है। कुमार कार्तिकेय और भगवान गणेश मां काली के दो पुत्र हैं।
कौन सा बीज मंत्र शक्तिशाली है?
गायत्री मंत्र, जो 24 अक्षरों से बना है, बहुत शक्तिशाली माना जाता है और मंत्र शास्त्रों में इसे महामंत्र भी कहा गया है। गायत्री मंत्र का आवारण है ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’. Jan 13, 2022
काली मंत्र का कितनी बार जाप करें?
पहले साबर मंत्र – अब काली माता की दुहाई दो। इस मंत्र को प्रतिदिन 108 बार जाप करना चाहिए, इससे जाप करने वाले को आर्थिक लाभ मिलता है। धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। ध्यान दें कि 15 दिन में एक बार किसी भी मंगलवार या शुक्रवार के दिन काली माता को मीठा और मिठाई का भोग लगाएं।
सबसे शक्तिशाली काली कौन सी है?
तांत्रिक प्रमुख देवी, संहारा काली, काली का सबसे खतरनाक और शक्तिशाली रूप है। काली जब अपने बाएं पैर से बाहर निकलते हैं और अपनी दाहिने हाथ में तलवार पकड़ती हैं तो संहारा काली रूप धारण कर लेती हैं। वह मृत्यु, विनाश की काली है और तांत्रिकों द्वारा पूजा की जाती है।