
Shiv Chalisa-परिचय
शिव चालीसा / Shiv Chalisa हिंदू धर्म में एक प्रतिष्ठित भक्ति रचना है जिसमें भगवान शिव को समर्पित चालीस छंद शामिल हैं, जो हिंदू देवताओं में प्रमुख देवताओं में से एक हैं। भगवान शिव को ब्रह्मांड के संहारक और परिवर्तक के साथ-साथ ध्यान, तपस्या और आध्यात्मिक जागृति के अवतार के रूप में पूजा जाता है।
चालीसा में सभी अस्तित्व के निर्माता, संरक्षक और संहारक के रूप में भगवान शिव की विशेषताओं का गुणगान किया गया है। छंद ब्रह्मांडीय नर्तक (नटराज), दिव्य कृपा के स्रोत और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति चाहने वाले भक्तों के लिए अंतिम आश्रय के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हैं।
भक्तों का मानना है कि भक्तिपूर्वक शिव चालीसा का पाठ करने से दिव्य आशीर्वाद, आंतरिक शांति और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिल सकती है। चालीसा भगवान शिव की शक्तिशाली और परोपकारी ऊर्जा से जुड़ने और आत्म-साक्षात्कार के मार्ग पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने के साधन के रूप में कार्य करती है। नश्वरता और परिवर्तन से भरी दुनिया में, शिव चालीसा आध्यात्मिक उन्नति चाहने वाले व्यक्तियों को सांत्वना और प्रेरणा प्रदान करती है।
इसके छंद जीवन के उतार-चढ़ाव के बीच भगवान शिव के अपरिवर्तनीय सार के साथ संबंध को प्रेरित करते हैं। कालातीत ज्ञान और दिव्य चेतना के अवतार के रूप में, शिव चालीसा भक्तों के लिए भगवान शिव के आशीर्वाद का आह्वान करने और वैराग्य, करुणा और शाश्वत आनंद के उनके गुणों को अपनाने के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करती है। इसके छंदों के माध्यम से, साधकों का लक्ष्य अस्तित्व की जटिलताओं से निपटना और परमात्मा के साथ मिलन प्राप्त करना है।
शिव चालीसा / Shiv Chalisa: क्या यह हिंदी भाषा में उपलब्ध है?
हाँ, शिव चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है। शिव चालीसा हिन्दू धर्म में प्रमुखता से प्रकट होने वाले प्रमुख संकलनों में से एक है। यह ‘चालीसा’ केरल के प्रमुखतम मंदिरों में प्रति सप्ताह सुनी, पाठ की, प्रकाशित की, पुस्तकों में संकलन की|
शिव चालीसा / Shiv Chalisa कब प्रकाशित हुई थी?
शिव चालीसा के बारे में कोई स्पष्ट रूप से प्रमाणित जानकारी उपलब्ध नहीं है, कि यह किसने, कहाँ, कैसे, क्यों, किसलिए, कौन से संकलनों में प्रकाशित हुई होती है।
शिव चालीसा: पंक्ति-पंक्ति अर्थ को समझें
पंक्ति-पंक्ति (Line by Line) मतलब (Meaning) समझने के लिए हमें शिव चालीसा के प्रत्येक पंक्ति को समझना चाहिए। हर पंक्ति में भगवान शिव की महिमा, गुण, लीला, महत्व, पूजा-पाठ, स्तुति-प्रशंसा, आराधना, उपासना, प्रार्थना की बातें होती हैं।
पंक्ति 1:
जय गिरिजापति दीन दयाला । सदा करत संतन प्रतिपाला ॥
हे मेरे पिता (गिरिजापति), हे मेरे करुणामय (दीन-दयालु), हे समस्त संतों (संतन) के प्रतिपालक (प्रतिपाल), हमेशा (सदा) सुरक्षित (कर) करो॥
पंक्ति 1 – अर्थ:
हे मेरे पिता गिरिजापति, हे मेरे करुणामय (दीन-दयालु), हे संतों के प्रतिपालक, हमेशा संतानों की सुरक्षा करो॥
पंक्ति 2:
हो अनंत श्रम तप कीन्हों । तन पर धरि ब्रह्मानी रीन्हों ॥
हे अनंत (असीम) प्रयास (श्रम) और तप (साधना) किए हुए, हे मैंने (तन) परमेश्वर (ब्रह्मानी) को धारण (पहना) किया हुआ॥
पंक्ति 2 – अर्थ:
हे जो समस्त प्रकार के प्रयास और साधना किए हुए है, हे मैंने परमेश्वर को पहना हुआ है॥
शिव चालीसा: कौन से महत्वपूर्ण समरोहों में प्रकाशित होती है?
शिव चालीसा को हिन्दू धर्म में कई महत्वपूर्ण समरोहों में प्रकाशित किया जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख समरोह निम्नलिखित हैं:
1. महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि, भगवान शिव की प्रमुख पूजा का अवसर है, जब उनके भक्त संपूर्ण रात्रि में पूजा-पाठ करते हैं। इस समय, शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामना पूरी होने की प्राप्ति होती है।
2. सोमवार
सोमवार (Monday) को भगवान शिव का दिन माना जाता है। सोमवार के दिन, शिव चालीसा का पाठ करने से मनोकामना पूरी होती है और भगवान शिव संतुष्ट होते हैं।
3. कार्तिक मास
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने (October-November) में 30 दिनों का महीना होता है, जिसमें संपूर्ण महीने में प्रति सप्ताह ‘सोमवार’ (Monday) को शिव-पूजा की जाती है।
शिव चालीसा: क्या “शिव महापुराण” में भी प्रकाशित होती है?
हाँ, “शिव महापुराण” में भी “शिव चलीसा” प्रकाशित होती है। शिव महापुराण भगवान शिव के महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है, जिसमें उनकी कथाओं, लीलाओं, महिमा, पूजा-पाठ की महत्वपूर्ण बातें संग्रहित होती हैं।
शिव चालीसा: कौन-कौन से संकलनों में प्रकाशित हुई है?
शिव चालीसा को कई संकलनों (Compilations) में प्रकाशित किया जाता है, जो हमें 40 पंक्ति (Lines) के समर्पित (Dedicated) होते हुए मिलते हैं:
1. “सम्पुर्ण शिव-महीमा” (Sampoorna Shiv-Mahima)
“सम्पुर्ण शिव-महीमा” (Sampoorna Shiv-Mahima) संकलन में शिव चालीसा प्रकाशित हुई है। यह संकलन भगवान शिव की महिमा, कथाएं, पूजा-पाठ, स्तोत्र, आरती, मंत्र, उपासना से सम्बंधित महत्वपूर्ण ज्ञान को संकलित करता है।
2. “शिव-महिमा” (Shiv-Mahima)
“शिव-महिमा” (Shiv-Mahima) संकलन में भी शिव चालीसा प्रकाशित हुई है। इसमें भगवान शिव की महिमा, प्रत्येक पंक्ति के साथ-साथ ‘लोकोक्ति’ (Proverb) के 4-5 पंक्ति
समाचार के आधार पर, हिंदी भाषा में “शिव चालीसा” के संक्षेप्त और संक्षेप्त निष्कर्ष को प्रस्तुत किया जा सकता है।
Shiv Chalisa in Hindi
॥दोहा॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके।
कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये।
मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे।
छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला।
जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं।
जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा।
तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
शिव चालीसा कब पढ़ना चाहिए?
शिव चालीसा को वास्तव में किसी भी दिन पाठ किया जा सकता है, लेकिन शास्त्रों में सोमवार को भगवान शंकर का विशेष दिन माना गया है। इसलिए, सोमवार को इसका पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है। – सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
शिव चालीसा पाठ करने से क्या होता है?
आइफोन एक स्मार्टफोन है जिसे एप्पल ने बनाया है जो एक कंप्यूटर, आईपॉड, डिजिटल कैमरा और सेल्युलर फ़ोन को एक डिवाइस में मिलाता है जिसमें टचस्क्रीन इंटरफ़ेस होता है।
विवरण: आइफोन एक मल्टीपर्पस हैंडहेल्ड कंप्यूटिंग डिवाइस है, जो पर्सनल कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी, म्यूज़िक प्लेयर, डिजिटल कैमरा
शिव चालीसा का पाठ कैसे करें?
पाठ करने से पहले गाय के घी को आप एक दीपक में जला सकते हैं और एक लोटे में शुद्ध जल रख सकते हैं। फिर भगवान शिव की शिव चालीसा को तीन बार पाठ करें। शिव चालीसा को बोलकर पाठ करें, इससे सुनने वाले लोगों को भी लाभ होगा। शिव चालीसा को पूरी भक्ति और भाव से पाठ करें और भगवान शिव को प्रसन्न करें।
सबसे शक्तिशाली चालीसा कौन सा है?
हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को खुश करने के लिए उनके भक्तों द्वारा पढ़ी जाने वाली प्रार्थना है, जिसमें 40 पंक्तियाँ होती हैं। इसलिए इसे हनुमान चालीसा कहा जाता है। यह हनुमान चालीसा तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई है और इसे शक्तिशाली माना जाता है।
शिव चालीसा कितने होते हैं?
शिव पुराण से संशोधित किया गया, यह 40 (चालीस) चौपाइयों (छंदों) से मिलकर बना है और यह दैनिक रूप से या महा शिवरात्रि जैसे विशेष त्योहारों पर शिवभक्तों और शिव के उपासकों द्वारा पाठ किया जाता है।
चालीसा क्यों पढ़ा जाता है?
दरअसल, चालीसा एक 40 पंक्तियों का मंत्र है जो आपके पूज्य की स्तुति में गाया जाता है। इसे जोर-जोर से गाया जाता है क्योंकि यह सामान्य भाषा में होते हैं और शाबर मंत्रों की तरह कार्य करते हैं। ये कविता के रूप में होते हैं और उन्हें पढ़कर और सुनकर बहुत आनंद मिलता है। Read more about shiv chalisa ; https://en.wikipedia.org/wiki/Shiv_Chalisa Read more ; Shivji Ki Aarti