hanuman chalisa lyrics in telugu

hanuman chalisa in telgu

भगवान हनुमान जी की लीलाओं को भला कोई कैसे भुल सकता है। उनके द्वारा की गई हर लीला के पीछे मनुष्य का कल्याण छुपा होता है। मंगलवार के दिन मन से हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले भक्त हमेसा हनुमान जी की छत्रछाया में रहते हैं। संकट मोचन हनुमान बड़े ही दयालु हैं। अपने भक्तों के साथ उनकी अपार प्रेम की भावना बनी रहती है। आज इस आर्टिकल में आप हनुमान जी के जीवन से जुड़े अनसुने रहस्यों को जानेंगे और साथ ही Hanuman Chalisa Lyrics in Telugu में पढ़ेंगे। अनसुने रहस्यों को जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान से अंत तक जरूर पढ़ें।

हनुमान जी की शादी क्यों हुई

प्रचानी ग्रंथ के अनुसार हनुमान जी सूर्य भगवान को अपना गुरु मानते थे। हनुमान जी सूर्य देव के शरण में रहकर अनेकों विद्याओं को ग्रहण करना चाहते थे। सूर्य देव के पास 9 विभिन्न प्रकार की विद्या मौजूद थी, जिसको हनुमान जी श्रद्धा पूर्ण अर्जित करना चाहते थे। अपनी बुद्धि छमता का सही उपयोग करके हनुमान जी ने 5 विद्याए प्राप्त तो कर ली लेकिन 4 विद्याओं से वंचित रह गए। तब भगवान सूर्य ने उन्हें बताया कि इन बाकी 4 विद्याओं को अर्जित करने के लिए आपका विवाहित होना अनिवार्य है, इसके बिना आप इन विद्याओं को कभी नही सिख पाएंगे। 

परिणावरूप हनुमान जी को अपनी मनचाही विद्याओ को प्राप्त करने के लिए शादी का प्रस्ताव ग्रहण कर लिया। और इस तरह हनुमान जी की शादी हो गई थी। 

हनुमान जी की पत्नी कौन थी

जब सूर्य देव ने हनुमान जी की विद्या को पूरा करने के लिए, शादी करना एक मात्र उपाय बताया, तब हनुमान जी ने सूर्य भगवान की बात स्वीकार कर ली। इसके उपरांत हनुमान जी के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय बन गया कि वह किस स्त्री से शादी करें। हनुमान जी ने इस समस्या को सूर्य भगवान को बताते हुए इसका निवारण जानने की कोशिश की। सूर्य भगवान ने उनकी समस्या को सुनते हुए, अपनी तेस्जवी पुत्री सुर्वचला के साथ शादी का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को हनुमान जी ने खुशी खुशी स्वीकार कर लिया और अपने विवाहित जीवन में रहकर आगे की बाकी विद्याओं को पूरा कर लिया। 

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शादी के बाद भी हनुमान जी ब्रम्हचारी कैसे रहे

जब सूर्य देव की पुत्री सुर्वचला से हनुमान जी का विवाह हुआ था, तब सूर्य देव ने हनुमान जी को बताया था कि विवाह के उपरांत भी सुर्वचला अपनी तपस्या में लीन रहेंगी। परिणामस्वरूप शादी के बाद सुर्वचला कठोर तपस्या में विलीन हो गई थी। जिसके कारण हनुमान जी और सुर्वचला में किसी प्रकार का कोई शारीरिक स्पर्श नहीं हुआ था। हनुमान जी ने इस तरह से विवाह करके अपनी विद्या पूरी कर ली और साथ ही वह हमेशा से ब्रम्हचारी बने रहे। 

तेलंगाना में मौजूद हनुमान जी का यह मंदिर पति पत्नी के तनाव को दूर करता है

अगर आप तेलंगाना के वासी हैं और हनुमान जी के खम्मम जिले में स्थित मंदिर से अपरिचित हैं, तो जानकारी के लिए आपको बताना चाहेंगे यहां पर हनुमान जी का सबसे प्रमुख मंदिर स्थापित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में केवल हनुमान जी ही नही बल्कि उनकी पत्नी सुर्वचला की मूर्ति स्थापित की गई है। इस मंदिर में हनुमान जी के साथ सुर्वचला भी विराजित है। इस मंदिर में श्रद्धा भाव से दोनो का पूजन किया जाता है। एक मान्यता के अनुसार जो भी विवाहित जोड़े इस मंदिर के दर्शन करते हैं और यहां पर पूजा आराधना करते हैं उनके जीवन में हमेशा सुख शांति का वास रहता है। इसी कारण से विवाहित जोड़ों को इस मंदिर का दर्शन अवश्य करना चाहिए।

Hanuman Chalisa  Lyrics तेलगु में पढ़ें

जैसा की हम सभी को पता है हनुमान चालीसा का अनुवाद भारत के विभन्न भाषाओं में देखने को मिलता है। इसी प्रकार अगर आप तेलगु भाषा के ज्ञाता हैं, और हनुमान चालीसा को तेलगु भाषा में पढ़ना चाहते है तो आपको नीचे दी गई चालीसा को जरूर पढ़ना चाहिए। 

 

Hanuman Chalisa lyrics in Telugu – హనుమాన్ చాలీసా.

దోహా
శ్రీ గురు చరణ సరోజ రజ నిజమన ముకుర సుధారి
వరణౌ రఘువర విమలయశ జో దాయక ఫలచారి
బుద్ధిహీన తనుజానికై సుమిరౌ పవన కుమార
బల బుద్ధి విద్యా దేహు మోహి హరహు కలేశ వికార

ధ్యానం
గోష్పదీకృత వారాశిం మశకీకృత రాక్షసమ్
రామాయణ మహామాలా రత్నం వందే-()నిలాత్మజమ్
యత్ర యత్ర రఘునాథ కీర్తనం తత్ర తత్ర కృతమస్తకాంజలిమ్
భాష్పవారి పరిపూర్ణ లోచనం మారుతిం నమత రాక్షసాంతకమ్

Hanuman Chalisa – చౌపాఈ

జయ హనుమాన జ్ఞాన గుణ సాగర
జయ కపీశ తిహు లోక ఉజాగర 1

రామదూత అతులిత బలధామా
అంజని పుత్ర పవనసుత నామా 2

మహావీర విక్రమ బజరంగీ
కుమతి నివార సుమతి కే సంగీ 3

కంచన వరణ విరాజ సువేశా
కానన కుండల కుంచిత కేశా 4

హాథవజ్ర ఔ ధ్వజా విరాజై
కాంథే మూంజ జనేవూ సాజై 5

శంకర సువన కేసరీ నందన
తేజ ప్రతాప మహాజగ వందన 6

విద్యావాన గుణీ అతి చాతుర
రామ కాజ కరివే కో ఆతుర 7

ప్రభు చరిత్ర సునివే కో రసియా
రామలఖన సీతా మన బసియా 8

సూక్ష్మ రూపధరి సియహి దిఖావా
వికట రూపధరి లంక జలావా 9

భీమ రూపధరి అసుర సంహారే
రామచంద్ర కే కాజ సంవారే 10

లాయ సంజీవన లఖన జియాయే
శ్రీ రఘువీర హరషి ఉరలాయే 11

రఘుపతి కీన్హీ బహుత బడాయీ
తుమ మమ ప్రియ భరత సమ భాయీ 12

సహస్ర వదన తుమ్హరో యశగావై
అస కహి శ్రీపతి కంఠ లగావై 13

సనకాదిక బ్రహ్మాది మునీశా
నారద శారద సహిత అహీశా 14

యమ కుబేర దిగపాల జహాం తే
కవి కోవిద కహి సకే కహాం తే 15

తుమ ఉపకార సుగ్రీవహి కీన్హా
రామ మిలాయ రాజపద దీన్హా 16

తుమ్హరో మంత్ర విభీషణ మానా
లంకేశ్వర భయే సబ జగ జానా 17

యుగ సహస్ర యోజన పర భానూ
లీల్యో తాహి మధుర ఫల జానూ 18

ప్రభు ముద్రికా మేలి ముఖ మాహీ
జలధి లాంఘి గయే అచరజ నాహీ 19

దుర్గమ కాజ జగత కే జేతే
సుగమ అనుగ్రహ తుమ్హరే తేతే 20

రామ దుఆరే తుమ రఖవారే
హోత న ఆజ్ఞా బిను పైసారే 21

సబ సుఖ లహై తుమ్హారీ శరణా
తుమ రక్షక కాహూ కో డర నా 22

ఆపన తేజ సమ్హారో ఆపై
తీనోం లోక హాంక తే కాంపై 23

భూత పిశాచ నికట నహి ఆవై
మహవీర జబ నామ సునావై 24

నాసై రోగ హరై సబ పీరా
జపత నిరంతర హనుమత వీరా 25

సంకట సే హనుమాన ఛుడావై
మన క్రమ వచన ధ్యాన జో లావై 26

సబ పర రామ తపస్వీ రాజా
తినకే కాజ సకల తుమ సాజా 27

ఔర మనోరధ జో కోయి లావై
తాసు అమిత జీవన ఫల పావై 28

చారో యుగ ప్రతాప తుమ్హారా
హై ప్రసిద్ధ జగత ఉజియారా 29

సాధు సంత కే తుమ రఖవారే
అసుర నికందన రామ దులారే 30

అష్ఠసిద్ధి నవ నిధి కే దాతా
అస వర దీన్హ జానకీ మాతా 31

రామ రసాయన తుమ్హారే పాసా
సదా రహో రఘుపతి కే దాసా 32

తుమ్హరే భజన రామకో పావై
జన్మ జన్మ కే దుఖ బిసరావై 33

అంత కాల రఘుపతి పురజాయీ
జహాం జన్మ హరిభక్త కహాయీ 34

ఔర దేవతా చిత్త న ధరయీ
హనుమత సేయి సర్వ సుఖ కరయీ 35

సంకట క()టై మిటై సబ పీరా
జో సుమిరై హనుమత బల వీరా 36

జై జై జై హనుమాన గోసాయీ
కృపా కరహు గురుదేవ కీ నాయీ 37

జో శత వార పాఠ కర కోయీ
ఛూటహి బంది మహా సుఖ హోయీ 38

జో యహ పడై హనుమాన చాలీసా
హోయ సిద్ధి సాఖీ గౌరీశా 39

తులసీదాస సదా హరి చేరా
కీజై నాథ హృదయ మహ డేరా 40

దోహా
పవన తనయ సంకట హరణమంగళ మూరతి రూప్
రామ లఖన సీతా సహితహృదయ బసహు సురభూప్
సియావర రామచంద్రకీ జయ పవనసుత హనుమానకీ జయ బోలో భాయీ సబ సంతనకీ జయ

 

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