
Mahakal chalisa: क्या हिंदी भाषा में उपलब्ध है?
हाँ, महाकाल चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है। महाकाल चालीसा, महाकाल के प्रति समर्पित एक प्रमुख प्रार्थना-प्रशंसा स्तोत्र है। इसे संस्कृत में छंदों के साथ लिखा गया है, जिसके प्रमुखतम प्रति हिन्दी में कहीं सुलेखन, प्रकरण, ्कhand, ya dohaon ki shaili mein likhi है।
महाकाल चालीसा को प्रति करने से मनुष्य को महाकाल के प्रति अपनी समर्पण-भक्ति को प्रकट करने का सुन्मुल्लत्-परिमाण मिलता है। यह चालीसा मन के सभी विचारों को पवित्र, शुद्ध, और सकारात्मक बनाने में सहायता करती है।
Mahakal chalisa: प्रमुख संस्करणों में कौन-कौन से भाषाओं में है?
महाकाल चालीसा के प्रमुख संस्करणों में हिन्दी, संस्कृत, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगला, उर्दू, तेलुगु, कन्नड़, मल्यलम, नेपाली, प्रकृति (प्रकृत), अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, पुर्तगाली, इत्िल्िक (ಕನ್ನಡ), ब्रह्मी (ब्राह्मी), तिबेती, यूनानी, पर्सियन, अरबी, रूसी, जर्मन, हंगेरियन, स्लोवेनियन, क्रोएशियाई, सर्बियाई, मल्ति (മലയാളം), सुमेरो-काडेशी (sumerian-cadecian) आदि भाषाओं में है।
महाकाल चालीसा के प्रमुख संस्करणों में हिन्दी का संस्करण सबसे प्रमुख है क्योंकि इसे हिन्दी-प्रेमियों के मन-मन में सुप्रसिद्धता है।
Mahakal chalisa: क्या हिन्दी में पढ़ने से कोई आर्थिक, समाजिक या आध्यात्मिक लाभ होता है?
हाँ, महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से आर्थिक, समाजिक, और आध्यात्मिक लाभ होता है।
आर्थिक रूप से, महाकाल चालीसा को प्रति करने से मनुष्य को सकारात्मकता, संतुलन, और संपन्नता की प्राप्ति होती है। यह मन को प्रसन्न करके मनुष्य की क्रियेशक्ति में सुधार करता है और संकल्प-संकेत (intention-setting) को प्रोत्साहित करता है।
समाजिक रूप से, महाकाल चालीसा प्रेम-मंगल-मंडल (community) में एकता, शक्ति, और समरसता को बढ़ाती है। यह सभी लोगों के बीच में एक मानसिक, आध्यात्मिक, और सामाजिक संपर्क स्थापित करती है।
आध्यात्मिक रूप से, महाकाल चालीसा प्रति करने से मनुष्य को महाकाल के प्रति अपनी समर्पण-भक्ति को प्रकट करने का सुन्मुल्लत्-परिमाण मिलता है। यह चालीसा मन के सभी विचारों को पवित्र, शुद्ध, और सकारात्मक बनाने में सहायता करती है।
महाकाल चालीसा: प्रमुख संस्करणों में कौन-कौन से भाषाओं में है?
हिन्दी
महाकाल चालीसा, जो महाकाल के प्रति आराधना का एक प्रमुख प्रतिमान है, हिन्दी में उपलब्ध है। हिन्दी भाषा में इसे पढ़ने से महाकाल की कृपा, सुख, समृद्धि, संतुलन, और मोक्ष की प्राप्ति की कामना की जा सकती है।
अंग्रेजी
महाकाल चालीसा का अंग्रेजी में अनुवाद भी मौजूद है। यह प्रमुखतम प्रति हिन्दी-संस्करणों के संपर्क में होने के लिए अंग्रेजी भाषा के पाठकों को महाकाल की पूजा-अर्चना का अवसर प्रदान करता है।
अन्य भाषाएं
महाकाल चालीसा के संस्करण और अनुवाद विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध हैं, जैसे:
- संस्कृत
- मराठी
- गुजराती
- तेलुगु
- तमिल
- कन्नड़
- पंजाबी
- বাংলা (Bengali)
- اردو (Urdu)
महाकाल चालीसा: क्या हिन्दी में पढ़ने से कोई आर्थिक, समाजिक, या आध्यात्मिक लाभ होता है?
आर्थिक लाभ
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। महाकाल की कृपा से, व्यक्ति को संपन्नता, समृद्धि, और आर्थिक सुरक्षा मिल सकती है।
समाजिक लाभ
हिन्दी में महाकाल चालीसा को पढ़ने से समाज में एकता, संबंधों में मेल-जोल, और प्रेम की भावना प्रकट होती है। इसके प्रभाव से, समुदाय के सदस्यों के बीच में प्रेम-प्रीति, सहनशीलता, और परस्पर-सम्मति की भावना पैदा होती है।
आध्यात्मिक लाभ
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से आध्यात्मिक लाभ मिल सकता है। इसके प्रभाव से, मन को शांति, सुकून, और मुक्ति की प्राप्ति होती है। महाकाल की कृपा से, व्यक्ति को अंतरंग सुख, मनोवैज्ञानिक समता, और प्रकृति के संपर्क में होने का अनुभव होता है।
महाकाल चालीसा: क्या प्रमुखतम प्रति हिन्दी में कहीं सुलेखन, प्रकरण, ्कhand, ya dohaon ki shaili mein likhi है?
प्रमुखतम प्रति
महाकाल चालीसा हिन्दी भाषा में कहीं सुलेखन, प्रकरण, ्कhand और दोहों की शैली में लिखी गई है। यह प्रति महाकाल के समर्पित है और महाकाल के भक्तों के द्वारा प्रतिदिन पढ़ी जाती है।
सुलेखन
सुलेखन के माध्यम से महाकाल चालीसा को सुंदरता से प्रस्तुत किया गया है। सुलेखन में संपूर्णता के साथ हर पंक्ति को ध्यान से लिखा गया है ताकि पाठकों को सही और सुंदर पाठ मिले।
प्रकरण
महाकाल चालीसा में कई प्रकरण हैं, जो महाकाल के गुणों, महिमा और महत्व को प्रकट करते हैं। प्रति में प्रकरणों की संख्या 40 है, जिसमें हर प्रकरण में एक-एक संस्कृति, सन्स्कृति, उपासना, मन्त्र, आरती, स्तुति, प्रेम, भक्ति, समर्पण, समस्तता, सम्पूर्णता और सुलेखन के महत्व को प्रस्तुत किया गया है।
Mahakal chalisa in hindi
|| दोहा ||
श्री महाकाल भगवान की महिमा अपरम्पार,
पूरी करते कामना भक्तों की करतार।
विद्या – बुद्धि – तेज – बल – दूध – पूत – धन – धान,
अपने अक्षय कोष से भगवान करो प्रदान।।
|| चौपाई ||
जय महाकाल काल के नाशक। जय त्रिलोकपति मोक्ष प्रदायक।।१।।
मृत्युंजय भवबाधा हारी। शत्रुंजय करो विजय हमारी।।२।।
आकाश में तारक लिंगम्। पाताल में हाटकेश्वरम्।।३।।
भूलोक में महाकालेश्वरम्। सत्यम् – शिवम् और सुन्दरम्।।४।।
क्षिप्रा तट ऊखर शिव भूमि। महाकाल वन पावन भूमि।।५।।
आशुतोष भोले भण्डारी। नटराज बाघम्बरधारी।।६।।
सृष्टि को प्रारम्भ कराते। कालचक्र को आप चलाते।।७।।
तीर्थ अवन्ती में हैं बसते। दर्शन करते संकट हरते।।८।।
विष पीकर शिव निर्भय करते। नीलकण्ठ महाकाल कहाते।।९।।
महादेव ये महाकाल हैं। निराकार का रूप धरे हैं।।१०।।
ज्योतिर्मय – ईशान अधीश्वर। परम् ब्रह्म हैं महाकालेश्वर।।११।।
आदि सनातन – स्वयं ज्योतिश्वर। महाकाल प्रभु हैं सर्वेश्वर।।१२।।
जय महाकाल महेश्वर जय – जय। जय हरसिद्धि महेश्वरी जय – जय।।१३।।
शिव के साथ शिवा है शक्ति। भक्तों की है रक्षा करती।।१४।।
जय नागेश्वर – सौभाग्येश्वर। जय भोले बाबा सिद्धेश्वर।।१५।।
ऋणमुक्तेश्वर – स्वर्ण जालेश्वर। अरुणेश्वर बाबा योगेश्वर।।१६।।
पंच – अष्ट – द्वादश लिंगों की। महिमा सबसे न्यारी इनकी।।१७।।
श्रीकर गोप को दर्शन दे तारी। नंद बाबा की पीढ़ियाँ सारी।।१८।।
भक्त चंद्रसेन राजा शरण आए। विजयी करा रिपु – मित्र बनाये।।१९।।
दैत्य दूषण भस्म किए। और भक्तों से महाकाल कहाए।।२०।।
दुष्ट दैत्य अंधक जब आया। मातृकाओं से नष्ट कराया।।२१।।
जगज्जननी हैं माँ गिरि तनया। श्री भोलेश्वर ने मान बढ़ाया।।२२।।
श्री हरि की तर्जनी से हर – हर। क्षिप्रा भी लाए गंगाधर।।२३।।
अमृतमय पावन जल पाया। ‘ऋषि’ देवों ने पुण्य बढ़ाया।।२४।।
नमः शिवाय मंत्र पंचाक्षरी। इनका मंत्र बड़ा भयहारी।।२५।।
जिसके जप से मिटती सारी। चिंता – क्लेश – विपद् संसारी।।२६।।
सिर जटा – जूट – तन भस्म सजै। डम – डम – डमरू त्रिशूल सजै।।२७।।
शमशान विहारी भूतपति। विषधर धारी जय उमापति।।२८।।
रुद्राक्ष विभूषित शिवशंकर। त्रिपुण्ड विभूषित प्रलयंकर।।२९।।
सर्वशक्तिमान – सर्व गुणाधार। सर्वज्ञ – सर्वोपरि – जगदीश्वर।।३०।।
अनादि – अनंत – नित्य – निर्विकारी। महाकाल प्रभु – रूद्र – अवतारी।।३१।।
धाता – विधाता – अज – अविनाशी। मृत्यु रक्षक सुखराशी।।३२।।
त्रिदल – त्रिनेत्र – त्रिपुण्ड – त्रिशूलधर। त्रिकाय – त्रिलोकपति महाकालेश्वर।।३३।।
त्रिदेव – त्रयी हैं एकेश्वर। निराकार शिव योगीश्वर।।३४।।
एकादश – प्राण – अपान – व्यान। उदान – नाग – कुर्म – कृकल समान।।३५।।
देवदत्त धनंजय रहें प्रसन्न। मन हो उज्जवल जब करें ध्यान।।३६।।
अघोर – आशुतोष – जय औढरदानी। अभिषेक प्रिय श्री विश्वेश्वर ध्यानी।।३७।।
कल्याणमय – आनंद स्वरुप शशि शेखर। श्री भोलेशंकर जय महाकालेश्वर।।३८।।
प्रथम पूज्य श्री गणेश हैं , ऋद्धि – सिद्धि संग। देवों के सेनापति, महावीर स्कंध।।३९।।
अन्नपूर्णा माँ पार्वती, जग को देती अन्न।महाकाल वन में बसे, महाकाल के संग।।४०।।
|| दोहा ||
शिव कहें जग राम हैं, राम कहें जग शिव,
धन्य – धन्य माँ शारदा, ऐसी ही दो प्रीत।
श्री महाकाल चालीसा, प्रेम से, नित्य करे जो पाठ,
कृपा मिले महाकाल की, सिद्ध होय सब काज।।
।।इति श्री महाकालेश्वर चालीसा सम्पूर्ण।।
Importance of Mahakal Chalisa in Hindi:महाकाल चालीसा का महत्व
धार्मिक महत्व
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने का धार्मिक महत्व बहुत है। हिन्दी भाषा संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिकता की प्रमुख भाषा है। महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से भक्तों को अपने संस्कृति, परंपरा, और आध्यात्मिक संस्कृति से जोड़ने का मौका मिलता है।
मनोयोग
हिन्दी में महाकाल चालीसा पढ़ने से मनो-स्मरण, मन:प्रस्लेश, और मन:समर्पण की स्पंदन होती है। यह मन को शांति, सुकून और आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित करती है।
संकल्प
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से संकल्प का महत्व महसूस होता है। संकल्प के माध्यम से भक्त महाकाल के समर्पण, प्रेम, और भक्ति का प्रतिज्ञा करते हैं।
महाकाल चालीसा: क्या हिन्दी में पढ़ने से कोई संकेत, संकल्प, या प्रतिज्ञा होती है?
संकेत
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से भक्तों को महाकाल के संकेत मिलते हैं। यह संकेत उन्हें मार्गदर्शन करते हैं और उनकी आध्यात्मिक प्रगति में सहायता करते हैं।
संकल्प
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से संकल्प का महत्व महसूस होता है। संकल्प के माध्यम से भक्त महाकाल के समर्पण, प्रेम, और भक्ति का प्रतिज्ञा करते हैं।
प्रतिज्ञा
महाकाल चालीसा को हिन्दी में पढ़ने से प्रतिज्ञा की भावना महसूस होती है। प्रतिज्ञा करने से भक्त महाकाल को समर्पित होने, उनकी सेवा, प्रेम और भक्ति में संकल्पित होते हैं।
संक्षेप में कहें तो, “महाकाल चालीसा” हिंदी भाषा में एक सुंदर प्रार्थना है।
जय महाकाल का मतलब क्या होता है?
महाकाल नाम का अर्थ होता है – भगवान शिव का नाम होता है।
महाकाल कौन सा देवता है?
भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता है, उन्हें महाकाल भी कहा जाता है और कालों का काल भी। यह सभी जानते हैं कि भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता है, उन्हें महाकाल भी कहा जाता है और कालों का काल भी। शिव को सृजन का प्रमुख और मृत्यु का देवता भी माना जाता है। 13 जुलाई, 2017
महाकाल का पुत्र कौन है?
ये देवी की अर्धांगिनी का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय , अय्यपा और गणेश हैं, और पुत्रियां अशोक सुंदरी , ज्योति और मनसा देवी हैं।
उज्जैन में रात क्यों नहीं रह सकते हैं?
मान्यताओं के अनुसार, उज्जैन के राजा केवल महाकाल होते हैं। इसलिए, आज भी उज्जैन में यह मान्यता है कि यदि कोई वर्तमान राजा, जैसे कि प्रधानमंत्री या जन प्रतिनिधि, उज्जैन शहर की सीमा के भीतर रात बिताने का साहस करता है, तो उसे इस अपराध के लिए सज़ा देनी होती है।