Ganesh chalisa in Hindi PDF- श्री गणेश चालीसा

ganesh Chalisa

गणेश चालीसा (Ganesh chalisa) हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है, और यह प्रतिदिन प्रार्थना का हिस्सा होता है।

गणेश चालीसा के प्रमुख संस्करणों में हिन्दी के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित किया जाता है, परंतु हिन्दी संस्करण सबसे प्रमुख है। इसे पढ़ने या सुनने के माध्यम से, लोग अपनी मानसिकता को स्थिर करके और भक्ति की भावना को प्रकट करके गणेश की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

गणेश चालीसा हिन्दी में प्रमुखता से पाठ किया जाता है, जहां प्रत्येक प्रमुखता संस्करण में 40 (चालीस) पंक्तियों से मिलकर बनी होती है। इसमें हर पंक्ति में महागणपति की महिमा, उपलब्धि, समृद्धि, सुन्दरता, और संकटों से मुक्ति की प्रार्थना होती है।

गणेश चालीसा (Ganesh chalisa) के प्रमुख संस्करणों में हिंदी कौन-कौन से हैं?

गणेश चालीसा को हिन्दी में अनुवाद करने के पीछे क्या कारण हैं?

हिन्दी में गणेश चालीसा के प्रमुख संस्करणों में आपको बहुत सारे विकल्प मिलेंगे। कुछ प्रमुखता संस्करणों में हैं:

  1. प्राचीन गणेश चालीसा
  2. महागणपति की आरती
  3. संकलन- 40 प्रमुखता
  4. प्रमुखता-1, प्रमुखता-2, प्रमुखता-3

हिन्दी में गणेश चालीसा प्रकरणों में संकलन, पौराणिक, और साहित्यिक स्रोतों का प्रयोग हुआ है। इसका उद्देश्य लोगों के मन, विचार, और भावनाओं को समृद्ध करना है, जिससे वे जीवन में सुख, समृद्धि, और समाधान प्राप्त कर सकें।

हिन्दी में गणेश चालीसा का प्रकरण प्रतिष्ठित कला-संस्कृति में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे प्रतिदिन पुरे हिन्दी-बोलने वाले समुदाय में प्रकाशित करके, संकलन-40 (प्रमुखता) में हर पंक्ति को ‘हर’ (ह) से सुरु करने का प्रयास किया गया है।

क्या गणेश चालीसा (Ganesh chalisa) को हिन्दी में संगीतिक रूप में प्रकाशित किया जाता है?

हिन्दू धर्म में, संगीत एक महत्वपूर्ण भाग है और इसे प्रतिष्ठित पुराणों, मंत्रों, और स्तोत्रों के साथ सम्बन्धित किया जाता है. गणेश चालीसा, जो हिन्दी में “40 पद” के मतलब से है, हनुमान चालीसा, हनुमान-अस्थक, कृष्ण-सुप्रभातम्, सुन्दरकाण्ड, आरती, महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम्, etc. के संगीतिक रूप में प्रकाशित किया जाता है.

गणेश चालीसा के संगीतिक रूप में प्रकाशन के पीछे कारण

गणेश चालीसा को संगीतिक रूप में प्रकाशित करने का मुख्य कारण है इसे सुन्दरतम और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करना. संगीत, मनोहारी स्वरों, ताल, और ध्वनि के माध्यम से हमारे मन, शरीर, और आत्मा को प्रभावित करता है. संगीतिक रूप में प्रकाशित होने से, गणेश चालीसा को सुनकर हमें पूर्णता, प्रसन्नता, और सुकून की अनुभूति होती है.


हिन्दी में गणेश चालीसा (Ganesh chalisa) प्रकरणों में किस प्रकार से व्यक्ति, समाज, और सह-नर-नारियों को प्रेरित करती है?

धार्मिक अनुष्ठान को प्रेरित करती हैगणेश चालीसा हमें धार्मिक अनुष्ठान को प्रेरित करने में मदद करती है। इसमें संकल्प, भक्ति, और समर्पण के महत्वपूर्ण संकेत होते हैं, जो हमें संपूर्णता के साथ अपने प्रतिबंधों का सामना करने में मदद करते हैं। यह प्रकाशमान मंत्र हमें सुसंस्कृति, सुसम्पन्‍नता की ओर प्रेरित करता है।

इसके माध्यम से, व्यक्ति, समाज, और सह-नर-नारियों को अपने आदर्शों की प्राप्‍ति के लिए प्रेरित किया जाता है।गणेश की महत्वपूर्णता को समझाती हैगणेश चालीसा हमें भगवान गणेश की महत्वपूर्णता को समझने में मदद करती है। इसके प्रकरणों में, हम प्रलोभन, मुसीबतों, और संकटों से निपटने के लिए भगवान गणेश की प्रार्थना करते हैं।

हमें समस्‍ति, सुरक्षा, और सुल्‍लक्‍स्‍मि‍ति प्राप्‍ति में मदद करने के लिए भी इसका पाठ किया जाता है। गणेश चालीसा हमें संकटों से मुक्‍ति, स्थिरता, और समृद्धि की प्राप्‍ति के मार्ग पर प्रेरित करती है।गणेश चालीसा के महत्वपूर्ण प्रकारसंकल्प, भक्ति, और समर्पण को प्रेरित करना सुसंस्कृति, सुसम्पन्‍नता, और प्रस्‍परिटी को प्राप्‍त करने में मदद करना प्रलोभन, मुसीबतों, और संकटों से निपटने में सहायता प्रदान करना समस्‍ति, सुरक्षा, और सुल्‍लक्‍स्‍मि‍ति प्राप्‍ति में सहायता प्रदान करना संकटों से मुक्ति, स्थिरता, और समृद्धि की प्राप्‍ति के मार्ग पर प्रेरित करना

गणेश चालीसा (Ganesh Chalisa ) को हिन्दी में अनुवाद करने के पीछे क्या कारण हैं?

प्रेम और भक्ति को व्यक्त करने का एक माध्यमहिन्दी में गणेश चालीसा को अनुवाद करने का प्रमुख कारण हैं, हिन्दी भाषी समुदाय में प्रेम, भक्ति, और समर्पण को व्‍यक्‍त करने का एक महत्‍वपूर्ण माध्‍यम होना।

हिन्दी भाषा के माध्‍यम से, लोग अपनी आस्था, श्रद्धा, और प्रेम को भगवान गणेश के प्रति प्रकट कर सकते हैं। हिन्दी में गणेश चालीसा का पाठ करने से, मानसिक, आत्मिक, और सामाजिक सुसंस्‍कृति का प्रमुख महत्‍व होता है।हिन्दी समुदाय में प्रसिद्धिहिन्दी में गणेश चालीसा को अनुवाद करने का एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण कारण हैं, हिन्दी समुदाय में इसकी प्रसिद्धि। हिन्दी, भारतीय संस्‍कृति का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होने के कारण, इसकी भाषा में गणेश चालीसा को पढ़ने का विशेष महत्‍व हैं। हिन्दी समुदाय में गणेश चालीसा को प्रकाशित, प्रसारित, और पठने का परंपरागत महत्‍व हैं, जो समुदाय को संकल्‍प, समर्पण, और सुसंस्‍कृति की ओर प्रेरित करता हैं।

Ganesh Chalisa in Hindi

दोहा
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।
विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
चौपाई
जय जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥
जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥
राजित मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट सिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥
सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्व-विधाता॥
ऋद्धि-सिद्धि तव चँवर डुलावे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी। अति शुचि पावन मंगल कारी॥
एक समय गिरिराज कुमारी। पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी॥
भयो यज्ञ जब पूर्ण अनूपा। तब पहुंच्यो तुम धरि द्विज रूपा।
अतिथि जानि कै गौरी सुखारी। बहु विधि सेवा करी तुम्हारी॥
अति प्रसन्न ह्वै तुम वर दीन्हा। मातु पुत्र हित जो तप कीन्हा॥
मिलहि पुत्र तुहि बुद्धि विशाला। बिना गर्भ धारण यहि काला॥
गणनायक गुण ज्ञान निधाना। पूजित प्रथम रूप भगवाना॥
अस कहि अन्तर्धान रूप ह्वै। पलना पर बालक स्वरूप ह्वै॥
बनि शिशु रुदन जबहि तुम ठाना। लखि मुख सुख नहिं गौरि समाना॥
सकल मगन सुख मंगल गावहिं। नभ ते सुरन सुमन वर्षावहिं॥
शम्भु उमा बहुदान लुटावहिं। सुर मुनि जन सुत देखन आवहिं॥
लखि अति आनन्द मंगल साजा। देखन भी आए शनि राजा॥
निज अवगुण गुनि शनि मन माहीं। बालक देखन चाहत नाहीं॥
गिरजा कछु मन भेद बढ़ायो। उत्सव मोर न शनि तुहि भायो॥
कहन लगे शनि मन सकुचाई। का करिहौ शिशु मोहि दिखाई॥
नहिं विश्वास उमा कर भयऊ। शनि सों बालक देखन कहऊ॥
पड़तहिं शनि दृग कोण प्रकाशा। बालक शिर उड़ि गयो आकाशा॥
गिरजा गिरीं विकल ह्वै धरणी। सो दुख दशा गयो नहिं वरणी॥
हाहाकार मच्यो कैलाशा। शनि कीन्ह्यों लखि सुत को नाशा॥
तुरत गरुड़ चढ़ि विष्णु सिधाए। काटि चक्र सो गज सिर लाए॥
बालक के धड़ ऊपर धारयो। प्राण मन्त्र पढ़ शंकर डारयो॥
नाम गणेश शम्भु तब कीन्हे। प्रथम पूज्य बुद्धि निधि वर दीन्हे॥
बुद्धि परीक्षा जब शिव कीन्हा। पृथ्वी की प्रदक्षिणा लीन्हा॥
चले षडानन भरमि भुलाई। रची बैठ तुम बुद्धि उपाई॥
चरण मातु-पितु के धर लीन्हें। तिनके सात प्रदक्षिण कीन्हें॥
धनि गणेश कहि शिव हिय हरषे। नभ ते सुरन सुमन बहु बरसे॥
तुम्हरी महिमा बुद्धि बड़ाई। शेष सहस मुख सकै न गाई॥
मैं मति हीन मलीन दुखारी। करहुं कौन बिधि विनय तुम्हारी॥
भजत रामसुन्दर प्रभुदासा। लख प्रयाग ककरा दुर्वासा॥
अब प्रभु दया दीन पर कीजै। अपनी शक्ति भक्ति कुछ दीजै॥

दोहा
श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान। नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश। पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥

Ganesh Chalisa in Hindi PDF

गणेश जी का शुभ अंक कौन सा है?

गणेश नाम का शुभ अंक है – गणेश नाम का भाग्यशाली संख्या 8 है, और यह संख्या गणेश की इश्वरीय ग्रह शनि के साथ जुड़ी हुई है।

गणेश चालीसा किसने लिखा था?

गणेश चालीसा हिन्दू धर्म में पूजनीय देवता भगवान गणेश को समर्पित एक भक्तिपूर्ण स्तुति है। गणेश चालीसा के विश्वसनीय रचयिता श्री रामसुंदर प्रभु दास हैं, जिनका उल्लेख स्तुति में किया गया है, लेकिन माना जाता है कि १६वीं शताब्दी ईसवी में रहने वाले मशहूर कवि और संत तुलसीदास ने इसे लिखा था।

गणेश जी को क्या बोलते हैं?

गजानन, बप्पा, विघ्नहर्ता या एकदंत कहे जाने वाले भगवान गणेश का भक्तों में बहुत प्रिय और आदरणीय स्थान है।

गणेश जी का मंत्र क्या है?

यहां गणेश जी का सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र दिया गया है, जिसे अपने मन की सत्यता और श्रद्धा के साथ जाप करने से कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं।

बुद्धि के देवता कौन से हैं?

भगवान गणेश को बुद्धि के देवता माना जाता है। उनकी पूजा से भक्त को बुद्धि से संबंधित शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।

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