Vindheshwari Chalisa in Hindi PDF-विंधेश्वरी चालीसा

Durga ki Aarti

क्या विंधेश्वरी चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है?

हाँ, विंधेश्वरी चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है। यह प्रसिद्ध हिंदू मंत्रों का एक संग्रह है, जो माता विंधेश्वरी को समर्पित है। माता विंधेश्वरी को सुन्‍नि‍स्‍त पुरे के प्रमुख स्‍त्‍रोत के रूप में पूजा जाता है, संकल्‍प, मंत्र, स्‍तोत्र, पुराण, कहानी, कहानी के सम्‍पूर्ण संकलन के समेटे हुए “Vindheshwari Chalisa” 108 पंक्ति (40+8+40+20) के सम्‍पूर्ण “Chalisa” (40-verse prayer) हैं ।

इस चालीसा के बारे में संक्षेप में बताएं।

“Vindheshwari Chalisa” में माता विंधेश्वरी की महिमा, गुण, प्रार्थना, आराधना के सम्‍पूर्ण प्रमुख पंक्ति हैं। इसमें सुंदर संतों के प्रमुख मंत्रों का समावेश है, जो माता विंधेश्वरी की पूजा-अर्चना में प्रयोग होते हैं।

नीचे “Vindheshwari Chalisa” के कुछ प्रमुख पंक्ति है:

  1. हे सिद्धि-प्रदायिनी! हे भक्‍त-पल-प्रिय!
  2. हे निरलम्‍ब! हे सर्व-सम्‍पत्‍ति-हर!
  3. हे भक्‍ति-प्रदायिनी! हे भुवनेश्वरी!
  4. हे मोक्ष-प्रदायिनी! हे जगत्‍पूजिता!
  5. हे अंतर्मुखि! हे सर्व-सुलभेश्वरी!

कहाँ से मिल सकती है, हिंदी में पढ़ने के लिए?

“Vindheshwari Chalisa” को आप इंटरनेट पर हिंदी में आसानी से खोज कर पा सकते हैं। कुछ धार्मिक पुस्तकालयों, मंदिरों, और पूजा समारोहों में इसे प्रिंट किया गया है, जहाँ से आप उसे प्राप्त कर सकते हैं।

क्‍या 21-28 प्रमुख पंक्ति “Vindheshwari Chalisa” में है?

नहीं, “Vindheshwari Chalisa” में 21-28 प्रमुख पंक्ति नहीं है। यह संपूर्ण “Chalisa” 108 पंक्तियों से मिलकर बना हुआ है, जो माता विंधेश्वरी की महिमा, गुण, प्रार्थना, आराधना को समर्पित हैं।

क्या विंधेश्वरी चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है?

हाँ, विंधेश्वरी चालीसा हिंदी भाषा में उपलब्ध है। यह प्रमुखतः हिन्दू धर्म के प्रमुख पंथों में प्रसिद्ध है, जहाँ परंपरागत रूप से मन्त्रों, स्तोत्रों, चालीसा के पाठ का महत्व मान्यता है।

क्‍या “Vindheshwari Chalisa” संस्‍कृत में भी होती है?

हाँ, “Vindheshwari Chalisa” संस्‍कृत में भी होती है, क्‍योंकि संस्‍कृत सन्‌स्‍कृति के प्रमुख संप्रदायों के पुराण, मन्त्र-तन्त्र और धार्मिक पाठों का महत्वपूर्ण हिस्‍सा है। संस्‍कृत में चालीसा के पाठ का अद्‌भुत महत्व है, जो लोगों के आध्यात्मिक संकल्‍प, मनोशक्‍ति, सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्‍ति में सहायक होता है।

हिन्दी और संस्‍कृत में “Vindheshwari Chalisa” के प्रमुख पंक्तियाँ:

  • मनु जपे जप 108, सुने कीरति प्रेम
  • मनु मंगल, मनु प्रेम, मनु कीरति, मनु नेह
  • मनु समर्पित, मनु प्रेमित, मनु सेवा, मनु नेह

इस चालीसा के बारे में संक्षेप में बताएं।

विंधेश्वरी चालीसा एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक पाठ है, जो माँ विंध्येश्वरी की पूजा-अर्चना के लिए प्रस्तुत की जाती है। यह 40 पंक्तियों से मिलकर बनी होती है, जो माँ के समर्पण, प्रेम, सेवा, सुंदरता, कल्‍याण, समृद्धि, सुख-शांति के गुणों का प्रतिनिधित्‍व करती हैं। “Vindheshwari Chalisa” के पाठ से मनुष्‍य को मनोकामना सिद्‍धि, आनंद, समृद्धि, मनोपल्‍लवन, मन:प्रसादन, मन:प्रसन्‍नता की प्राप्‍ति होती है।

विंधेश्वरी चालीसा के प्रमुख गुण:

  • प्रेम
  • सेवा
  • कल्‍याण
  • समृद्धि
  • सुंदरता
  • सुख-शांति

क्या आपके पास विंधेश्वरी चालीसा के प्रमुख पंक्तियों की सूची है?

हाँ, मेरे पास “Vindheshwari Chalisa” के कुछ प्रमुख पंक्तियों की सूची है:

“Vindheshwari Chalisa” के प्रमुख पंक्तियाँ:

  1. मनु जपे जप 108, सुने कीरति प्रेम
  2. मनु मंगल, मनु प्रेम, मनु कीरति, मनु नेह
  3. मनु समर्पित, मनु प्रेमित, मनु सेवा, मनु नेह

कहाँ से मिल सकती है, हिंदी में पढ़ने के लिए?

विंधेश्वरी चालीसा को आप अपनी स्‍थानीय पूजा-पाठ की दुकानों, हिन्दू मंदिरों, और इंटरनेट पर भी प्राप्‍त कर सकते हैं। कई वेबसाइटों पर “Vindheshwari Chalisa” हिंदी में उपलब्ध होती है, जहाँ से आप इसे प्राप्‍त करके पढ़ सकते हैं।

हिंदी में “Vindheshwari Chalisa” प्राप्‍त करने के लिए:

  1. स्‍थानीय पूजा-पाठ की दुकान
  2. हिन्दू मंदिर
  3. इंटरनेट पर वेबसाइटों

क्‍या इसमें सुंदर संतों के प्रमुख मंत्रों का समावेश हुआ है?

हाँ, “Vindheshwari Chalisa” में सुंदर संतों के प्रमुख मंत्रों का समावेश हुआ है। यह चालीसा माँ विंध्येश्वरी की पूजा-पाठ के लिए प्रस्तुत की जाती है, और इसमें महाकाली, महालक्ष्मी, सरस्वती, गणेश, हनुमान, शिव-पार्वती, राम-सीता, कृष्‍न-राधा, सूर्य-स्‍कन्‍ध, नरसिंह, सन्‍तोषि माता, सन्‍तोकि माता, सन्‍मुक्‍तेश्‍वर महादेव, और अन्‍य संतों के मंत्रों का प्रस्तुतीकरण हुआ है।

Vindheshwari Chalisa in Hindi

|| दोहा ||

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदंब।
संत जनों के काज में, करती नहीं बिलंब॥

|| चौपाई ||

जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदि शक्ति जगबिदित भवानी॥
सिंह वाहिनी जय जगमाता। जय जय जय त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारिनि जय जग देवी। जय जय संत असुर सुरसेवी॥
महिमा अमित अपार तुम्हारी। सेष सहस मुख बरनत हारी॥

दीनन के दु:ख हरत भवानी। नहिं देख्यो तुम सम कोउ दानी॥
सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावे। सो तुरतहिं वांछित फल पावे॥
तू ही वैस्नवी तू ही रुद्रानी। तू ही शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका स्यामा काली। तू ही मात संतन प्रतिपाली॥
उमा माधवी चंडी ज्वाला। बेगि मोहि पर होहु दयाला॥

तुम ही हिंगलाज महरानी। तुम ही शीतला अरु बिज्ञानी॥
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता। दुर्गा दुर्ग बिनासिनि माता॥

तुम ही जाह्नवी अरु उन्नानी। हेमावती अंबे निरबानी॥
अष्टभुजी बाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौसट्टी देवी कल्याणी। गौरि मंगला सब गुन खानी॥
पाटन मुंबा दंत कुमारी। भद्रकाली सुन विनय हमारी॥

बज्रधारिनी सोक नासिनी। आयु रच्छिनी विन्ध्यवासिनी॥
जया और विजया बैताली। मातु संकटी अरु बिकराली॥

नाम अनंत तुम्हार भवानी। बरनै किमि मानुष अज्ञानी॥
जापर कृपा मातु तव होई। तो वह करै चहै मन जोई॥

कृपा करहु मोपर महारानी। सिध करिये अब यह मम बानी॥
जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याणा॥

बिपत्ति ताहि सपनेहु नहि आवै। जो देवी का जाप करावै॥
जो नर कहे रिन होय अपारा। सो नर पाठ करे सतबारा॥

नि:चय रिनमोचन होई जाई। जो नर पाठ करे मन लाई॥
अस्तुति जो नर पढै पढावै। या जग में सो बहु सुख पावै॥

जाको ब्याधि सतावै भाई। जाप करत सब दूर पराई॥
जो नर अति बंदी महँ होई। बार हजार पाठ कर सोई॥

नि:चय बंदी ते छुटि जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥
जापर जो कुछ संकट होई। नि:चय देबिहि सुमिरै सोई॥

जा कहँ पुत्र होय नहि भाई। सो नर या विधि करै उपाई॥
पाँच बरस सो पाठ करावै। नौरातर महँ बिप्र जिमावै॥

नि:चय होहि प्रसन्न भवानी। पुत्र देहि ताकहँ गुन खानी॥
ध्वजा नारियल आन चढावै। विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहि आन उपाई॥
यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढत होवै अवनीसा॥

यह जनि अचरज मानहु भाई। कृपा दृष्टि जापर ह्वै जाई॥
जय जय जय जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि पर जन जानी॥

|| इति श्री विन्ध्येश्वरी चालीसा समाप्त ||

माँ विंध्येश्वरी के प्रमुख संतों के मंत्र:

  • महाकाली मंत्र
  • महालक्ष्मी मंत्र
  • सरस्वती मंत्र
  • गणेश मंत्र
  • हनुमान मंत्र
  • शिव-पार्वती मंत्र
  • राम-सीता मंत्र
  • कृष्‍न-राधा मंत्र
  • सूर्य-स्‍कन्‍ध मंत्र
  • नरसिंह मंत्र
  • सन्‍तोषि माता मंत्र
  • सन्‍तोकि माता मंत्र
  • सन्‍मुक्‍तेश्‍वर महादेव मंत्र

क्‍या 21-28 प्रमुख पंक्ति “Vindheshwari Chalisa” में है?

नहीं, “Vindheshwari Chalisa” में 21-28 प्रमुख पंक्तियाँ नहीं होती हैं। यह चालीसा 40 पंक्तियों से मिलकर बनी होती है, जिनमें माँ के सुंदर गुणों, कल्‍याणकारी स्वरूप के बारे में वर्णन किया जाता है। “Vindheshwari Chalisa” के प्रमुख पंक्ति संख्‍या 1-20 के बीच होती है|

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