राम रक्षा स्तोत्र का पाठ कब करना चाहिए?

राम रक्षा स्तोत्र

राम रक्षा स्तोत्र-परिचय

“राम रक्षा स्तोत्र” एक प्रतिष्ठित हिंदू भक्ति भजन है जो भगवान राम को समर्पित है, जो एक प्रतिष्ठित देवता हैं जो धार्मिकता, साहस और दिव्य गुणों के अवतार के लिए जाने जाते हैं। छंदों की एक श्रृंखला से युक्त, इस स्तोत्र का पाठ भक्तों द्वारा भगवान राम से सुरक्षा, आशीर्वाद और दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि “राम रक्षा स्तोत्र” की रचना ऋषि बुद्ध कौशिक ने प्रेरणा के क्षण में की थी। इसके छंद भगवान राम के वीरतापूर्ण कार्यों, उनके दयालु स्वभाव और उनके भक्तों के संरक्षक और संरक्षक के रूप में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हैं। भक्तों का मानना ​​है कि भक्ति और ईमानदारी के साथ “राम रक्षा स्तोत्र” का पाठ करने से उन्हें प्रतिकूलताओं, नकारात्मक ऊर्जाओं और चुनौतियों से बचाया जा सकता है।

स्तोत्र एक आध्यात्मिक कवच के रूप में कार्य करता है, जो भगवान राम की दिव्य ऊर्जा के साथ संबंध को बढ़ावा देता है और पाठ करने वाले को उनकी कृपा से आच्छादित करता है। अनिश्चितताओं से भरी दुनिया में, “राम रक्षा स्तोत्र” आराम और सांत्वना का स्रोत प्रदान करता है, जो इसे पढ़ने वालों में विश्वास और साहस पैदा करता है। स्तोत्र के छंदों को भगवान राम के दिव्य हस्तक्षेप का आह्वान करने और धार्मिक जीवन को बनाए रखने के साधन के रूप में देखा जाता है।

सदाचार के अवतार और परम रक्षक के रूप में, “राम रक्षा स्तोत्र” आशा की किरण और भक्तों के लिए भगवान राम के आशीर्वाद और सुरक्षा उपस्थिति तक पहुंचने के लिए एक चैनल के रूप में कार्य करता है। इसके छंदों के माध्यम से, साधकों का लक्ष्य भगवान राम के गुणों को अपनाना और अटूट विश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करना है।

 

राम रक्षा स्तोत्र का पाठ कहाँ से शुरू करना चाहिए?

राम रक्षा स्तोत्र का पाठ हमेशा संध्‍या के समय किया जाता है। संध्‍या के समय मन और शरीर दोनों ही प्रकाशमय होते हैं, इसलिए मनुष्‍य को पूरी तरह से स्थिरता मिलती है। इसलिए, राम रक्षा स्तोत्र के पाठ को संध्‍या के प्रारम्‍भ में ही करने की सलाह दी जाती है।

प्रस्‍तुति में, ‘Shri Ramachandra Kripalu Bhajman’ (श्री रामचंद्र कृपालु) मंत्र से पहले ‘Om’ ( ॐ )कि महिमा, ‘Shri Hanuman Chalisa’ ( ॐ )कि महिमा और ‘Shri Ram Jai Ram Jai Jai Ram’ (श्री राम जय राम जय जय राम)कि महिमा का पाठ करना होता है। प्रतिदिन के संध्‍या के समय, इस पूरी प्रक्रिया को करने से मनुष्‍य को भक्ति, संतोष, संपन्‍नता, और मानसिक शांति मिलती है।

हमेशा संध्‍या के समय

संध्‍या के समय पाठ करने से मनुष्‍य को मानसिक, शारीरिक, और आत्मिक प्रकाशमत्व मिलती है। संध्‍या के सम‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌​‍​​​​​‎​‎​‎​‎​‎​‎‏​​​​​​​​​​​​​​​​​​­­­­­­­­̅̅̅̅̅̅̅̅̅̅̅­­­य मनुष्‍य के शरीर में प्राण शक्ति बहुत ऊर्जावान होती है, जिससे कि संपूर्ण दिन की क्रियाएं सम‌‌‌‌‌‌​‍​​​​​‎​‎​‎​‎​‎​‎‏​​​​​​​​​​​​​​​​­­­­­­विधा सहजता से हो जाती हैं।

संध्‍या के समय पाठ करने से मनुष्‍य को मनोकामना, संतोष, प्रेम, और मुक्ति की प्राप्ति होती है। इसलिए, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ संध्‍या के समय करने से मनुष्‍य की आत्म-सम्‍मोहिनी (self-hypnotism) होती है, जिससे मनुष्‍य प्रेम, प्रेमिका, परिवार, और समाज के प्रति सदैव सहनशीलता रखता है।

संध्‍या के समय पाठ करने की महत्वता

  • संध्‍या के समय पाठ करने से मनुष्‍य को आत्म-प्रकाश (self-illumination) मिलती है, जो मनुष्‍य को अपार ऊर्जा और ब्रह्म-स्वरूप में परिणत करती है।
  • संध्‍या के सम‌‌‌‌‌​‍​​​​​‎​‎​‎​‎​‎​‎‏​​​​​​​​​​​​​​​​­­­­­‌‌‌‌‑̅̅̅̅̅̅̅̅̅̅̅­­कि महिमा, ‘Shri Hanuman Chalisa’ ( ॐ )कि महिमा, ‘Shri Ram Jai Ram Jai Jai Ram’ (श्री राम जय राम जय जय राम)कि महिमा का पाठ करने से मनुष्‍य की ब्रह्म-संधि होती है, जिससे मनुष्‍य अपने स्‍वरूप को पहचानता है और आत्म-सम्‍मोहिनी (self-hypnotism) होती है।
  • संध्‍या के सम‌‌‌‌‌​‍​​​​​‎​‎​‎​‎​‎​‎‏​​​​​​​​​​​​​​​​­­­­­‌‌‌‐̅̅̅̅̅̅̅̅̅̅कि पाठ करने से मनुष्‍य को भक्ति, संतोष, संपन्नता, और मानसिक शांति मिलती है।

राम रक्षा स्तोत्र का पठन किस समय करना चाहिए?

राम रक्षा स्तोत्र को पठने के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह और शाम होती है. प्रात:काल में इसे पढ़ने से मन, शरीर, और मनस्थिति में सुख-शांति की प्राप्ति होती है. संध्‍या काल में पढ़ने से रोग-निवृत्ति, दु:ख-हानि, और मनोकल्‍पित कार्यों में समृद्धि होती है.

संप्रति

हमें प्रतिदिन 2-3 बार ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए. हमें प्रतिदिन 1-2 महीने में ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करने से अद्भुत लाभ मिलेगा. इसके अलावा, यदि हमें कोई विशेष संकट या मुसीबत का सामना करना पड़े, तो हमें ‘राम रक्षा स्तोत्र’ को प्रतिदिन 9 दिनों तक पढ़ना चाहिए.

सुझाव

  • प्रात:काल में ‘राम रक्षा स्तोत्र’ के पठन से पहले, स्नान करें.
  • पढ़ने से पहले, मन में ‘श्रीराम’ की पूजा-अर्चना करें.
  • पढ़ते समय, मस्‍तिष्‍क में ‘राम’ की ध्‍यान-मंत्र (ॐ) की जपन करें.
  • पढ़ने के पश्‍चात्, ‘राम’ की आरती-पूजा करें.

राम रक्षा स्तोत्र की महत्वपूर्णता कब होती है?

राम रक्षा स्तोत्र की महत्वपूर्णता जब होती है, जब हमें भय, चिंता, दु:ख, या संकट के सामने संघर्ष करना पड़े. इस स्तोत्र के पाठ से हमें मनोकामनाएं पूरी होने में मदद मिलती है, और हमें ‘श्रीराम’ की कृपा प्राप्त होती है.

संप्रति

हमें ‘राम रक्षा स्तोत्र’ की महिमा प्रस्‍तुति में प्रमुख पुस्‍तकों, धार्मिक ग्रंथों, और संस्‍कृति में किये गए प्रमुख लेखों में उपलब्ध है. इसे प्रतिदिन पाठ करने से हमारी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है, और हमें संकटों से सुरक्षा मिलती है.

सुझाव

  • प्रतिदिन ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करने से पहले, मन को शुद्ध करने के लिए प्राणायाम करें.
  • पढ़ने से पहले, ‘श्रीराम’ की मूर्ति/प्रतिमा को पूजें.
  • पढ़ते समय, मस्‍तिष्‍क में ‘राम’ की चित्र-मंत्र (ॐ) की जपन करें.
  • पढ़ने के पश्‍चात्, ‘राम’ की आरती-पूजा करें.

इस स्तोत्र को पढ़ने के पश्चात्, कौन-कौन से प्रयोग होंने चाहिए?

राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करने के बाद, हमें अपनी मनसिक और आध्यात्मिक सुरक्षा के लिए कुछ विशेष प्रयोग करने चाहिए.

संप्रति

हमें ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करने के पश्‍चात्, 11 मुंह में ‘ॐ’ (१०८ बार) की मंत्र-जप, 1 मला ‘रुद्राक्ष’ में 21 मंत्र-मुक्‍ति, और 1 मला ‘हल्‍ली’ में 11 मंत्र-मुक्‍ति करनी चाहिए.

सुझाव

  • ‘राम’ की पूजा-अर्चना के लिए उपयुक्त सामग्री का इस्‍तेमाल करें.
  • मंत्र-मुक्‍ति करते समय, मस्‍तिष्‍क में ‘राम’ की ध्‍यान-मंत्र (ॐ) की जपन करें.
  • प्रयोगों के पश्‍चात्, ‘राम’ की आरती-पूजा करें.

इस स्तोत्र में मुख्य मंत्र/शलोक हैं, उनका पाठ किसी विशेषीकरण से पहले ही होना चाहिए?

‘राम रक्षा स्तोत्र’ में मुख्य मंत्र/शलोक हैं, जिनका पाठ हमेशा पहले ही होना चाहिए.

संप्रति

हमें ‘राम रक्षा स्तोत्र’ के पढ़ने से पहले, इसका मुख्य मंत्र/शलोक ‘ॐ राम रामाय नमः’ का 3 बार पाठ करना चाहिए.

सुझाव

  • मंत्र/शलोक के पठन से पहले, मन में ‘राम’ की पूजा-अर्चना करें.
  • पढ़ते समय, मस्‍तिष्‍क में ‘राम’ की ध्‍यान-मंत्र (ॐ) की जपन करें.
  • पढ़ने के पश्‍चात्, ‘राम’ की आरती-पूजा करें.

क्‍या हमें प्रतिदिन इस स्‍तोत्र का पाठ करना चाहिए?

हमें प्रतिदिन ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करना चाहिए.

संप्रति

‘राम रक्षा स्तोत्र’ का प्रतिदिन पाठ करने से हमें श्रीराम की कृपा मिलती है, हमारे मन में शांति और सुख की अनुभूति होती है, और हमें संकटों से सुरक्षा मिलती है.

सुझाव

  • प्रात:काल में ‘राम रक्षा स्तोत्र’ का पाठ करने से पहले, स्नान करें.
  • पढ़ने से पहले, मन में ‘श्रीराम’ की पूजा-अर्चना करें.
  • पढ़ते समय, मस्‍तिष्‍क में ‘राम’ की ध्‍यान-मराम रक्षा स्तोत्र का पाठ संयमित और नियमित रूप से करना चाहिए, जो हमें मानसिक शांति, सुरक्षा और सुख-शांति प्रदान कर सकता है।https://www.youtube.com/watch?v=8Eyuowl5zEU&pp=ygVk4KSw4KS-4KSuIOCksOCkleCljeCkt-CkviDgpLjgpY3gpKTgpYvgpKTgpY3gpLAg4KSV4KS-IOCkquCkvuCkoCDgpJXgpKwg4KSV4KSw4KSo4KS-IOCkmuCkvuCkueCkv-Ckjw%3D%3D

    राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

    श्रीराम रक्षा स्त्रोत में भगवान श्रीराम की महिमा का वर्णन किया गया है। मान्यता है कि श्रीराम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने से भगवान श्रीराम भक्तों के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं और सभी सुख प्रदान करते हैं। श्रीराम रक्षा स्त्रोत एक अमोघ कवच है, जिसे कोई शत्रु उसका बाल भी बांका नहीं कर सकता है।

    स्तोत्र का पाठ कैसे करें?

    पंडितजी कहते हैं कि स्तोत्र का पाठ करने से पहले आपको शुद्ध होना चाहिए, स्नान आदि करके अपने आप को भगवान की भक्ति के लिए तैयार करें। स्तोत्र का पाठ करने की विधि देवता और देवी के अनुसार अलग-अलग होती है, लेकिन सामान्य विधि में प्रत्येक स्तोत्र का पाठ किया जाता है।

    राम स्तुति कब पढ़ना चाहिए?

    रामनवमी पर्व के दिन, हम भगवान श्रीरामचंद्र जी को उनकी चमत्कारी स्तुति से समस्त कामनाओं की पूर्ति करते हैं। राम जन्मोत्सव पर्व की पूजा आराधना के बाद, इस स्तुति को पाठ करना हमें अर्थ सहित करना चाहिए।

    राम राम कितनी बार लगाना चाहिए?

    राम राम दोहराने से 108 बार ब्रह्म के पूर्णत्व की प्रतीक्षा की जा सकती है। जब हम मन्त्र जप करते हैं तो हमें 108 बार जप करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, सिर्फ “राम-राम” बोलने से ही पूरा मन्त्र जप हो जाता है।

    राम रक्षा स्तोत्र क्या करता है?

    सभी आपत्तियों के सुरक्षा और नाश के लिए। श्री रामरक्षा स्तोत्र का पूरा अर्थ एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। श्री रामरक्षा स्तोत्र के पाठ से आपके चारों ओर अभेद्य, आश्चर्यजनक और शक्तिशाली कवच स्थापित होता है। रामरक्षा का अर्थ है ‘भगवान राम द्वारा (हमें) दी गई सुरक्षा’।

    राम रक्षा स्तोत्र में कितने श्लोक हैं?

    श्री राम रक्षा स्तोत्र में 38 श्लोक होते हैं जिनमें अधिकांश अनुष्टुप् छन्द में होते हैं और इसलिए यह बहुत जल्दी ही याद हो जाते हैं।

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  • https://hi.wikipedia.org/wiki:Ram_in_Ayodhya.jpg

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