kali Mata Ki Aarti

kali Mata Ki Aarti

Kali Mata Ki Aarti : हिंदू धर्म में माता काली का जिक्र बहुत ही भयंकर रूप में किया गया है, जोकि उनकी क्रूर भावना को व्यक्त करता है। माता काली के नाम से ही उनके रूप का अर्थ मिल जाता है, मां काली का रूप काला और विकराल है। माता काली का जन्म दुनिया से असुरो का नाश करने के लिए हुआ था। इस देवी ने सभी आसुरो को दुनिया से ही खत्म कर दिया था। अगर आप Kali Mata Ki Aarti के मंत्रों का जाप करना चाहते है तो आप यहां पर पूरी आरती पढ़ सकते है, साथ ही आप यहां पर आरती की विधि और फायदे के बारे में विस्तार से जागेगें। 

काली माता की कहानी

प्राचीन मान्यता के अनुसार दारूक नाम राक्षस ने कठोर तपस्या करके ब्रम्हा जी को प्रसन्न कर लिया। उसकी कठोर तपस्या को देखते हुए, ब्रम्हा जी ने उसकी इच्छानुसार वरदान दे दिया। जिससे दारुक काफी बलशाली हो गया। दारूक, देव और ब्राम्हणों पर अत्याचार करने लगा था जिस कारण सभी देव सहायता के लिए ब्रम्हा जी के पास गए। 

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ब्रम्हा जी ने उस समय दारूक नामक असुर के वध का एकमात्र उपाय बताया, जिसके अनुसार उसका वध एक स्त्री के हाथो होना था। प्राप्त वरदान के अनुसार दारूक किसी भी पुरुष के हाथों से नही मर सकता था, इस कारण भगवान शिव ने अपनी तीसरी आंख खोलकर माता काली को उत्पन्न किया था। जब माता काली का जन्म हुआ तब वह अत्यंत क्रुद्ध थी और दुनिया में सभी दानवों का नाश करना चाहती थी। इस दौरान दारूक नामक असुर का वध हो गया। 

लेकिन मां काली अभी भी अपने गुस्से में थी उन्हें शांत कर पाना किसी के बस में नहीं था। तब भगवान शंकर ने एक बालक का रूप धारण करके लीला रची, जिसमे माता काली ने बालक रूपी शिव को अपने गोदी में उठाकर दूध पिलाने लगी थी। इसी दौरान शिव जी ने माता काली का गुस्सा दूध के जरिए पी लिया था, और तब जाकर माता काली शांत हो पाई लेकिन उसी दौरान मां काली बेहोश हो गई थी। तब शिव जी ने अपने रूप में भयानक तांडव किया, जिसके बाद उनको होश आया। होश आने के बाद वह शिव जी की पत्नी पार्वती के रूप बदल गई।

काली माता की आरती करने के फायदे

माता काली की आरती का विचार बड़ा ही सुखमय और आनंददायक है इससे आपके जीवन में अनेकों लाभ की प्राप्ति होती है, अगर आप उन सभी फायदों को विस्तार से जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ें। 

  • काली माता की आरती करने से लंबे समय से होने वाले कष्टों का नाश होता है।
  • काली माता की आरती करने से हर तरह के टोटके से आपकी सुरक्षा होती है।
  • इस देवी की आरती से सालो का कर्जा समाप्त हो जाता है।
  • रोजगार और व्यापार में वृद्धि होती है।
  • जीवन संकटों से घिरा है तो आप माता काली की आरती करके हर कष्टों को समाप्त किया जा सकता है।
  • पितृदोष और कालसर्प जैसे दोष दूर हो जाते हैं।
  • पारिवारिक तनाव सुधार होता है।
  • जो कोई जन काली मां की आरती करता है उसके दुश्मन का हमेशा नाश होता है।

काली माता की आरती कैसे करते है जानिये पूरी विधि

जो भक्त काली माता की आरती पूरी विधि-विधान से करते हैं, उनके जीवन में शीघ्र फल की प्राप्ति होती है, माता काली का आशीर्वाद हमेशा उनके भक्तो के साथ रहता है। माता काली की आरती विधि को विस्तार से जानने के लिए आगे पढ़ें।

  • प्रातः काल उठकर कुछ को स्वच्छ कर लें।
  • स्नान के पश्चात सफेद और नारंगी रंग का वस्त्र ग्रहण करें।
  • काली माता की तस्वीर के सामने आसान लगा लें।
  • अब आसान पर बैठ कर सरसो के तेल का दिया जलाएं।
  • माता की तस्वीर के सामने मिठाई का भोग लगाएं और फूलों को तस्वीर पर चढ़ाए और हाथ जोड़ कर प्रार्थना करें।
  • हाथ में रुद्रांश माला लिए काली माता के मंत्रों का जाप करें।
  • मंगलवार और शुक्रवार के दिन पान के पत्ते के साथ मिठाई को माता को भोग लगाएं।
  • सदा सच्चे मन से काली मां की आरती करना चाहिए ताकि सदा आपके ऊपर उनकी कृपा बनी रहें।

Kali Mata Ki Aarti हिंदी में पढ़ें

अगर आपको माता काली की आरती के बारे में नही पता, तब आपके लिए यहां पूरी आरती का उल्लेख दिया गया है जिसे आप आसानी से पढ़ सकते हैं।

मां काली की आरती (Kali Mata Aarti)

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |
दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |
सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,
दुशटन को तू ही ललकारती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 माँ बेटी का है इस् जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |
सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,
दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |
हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |
सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को संवरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |
वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |
माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,
भक्तो के करेज तू ही सरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

 अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

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